हेलो दोस्तों क्या आपको निवेश का ऐसा तरीका मालूम है जिसमे आप अच्छे रिटर्न्स के साथ आप अपने टैक्स को भी बचा सकते है और वह तब भी जब आपको निवेश करने का ज्यादा ज्ञान न हो |
आपने अक्सर टीवी पर ,अखबार पर म्यूच्यूअल फंड्स की ADS देखी होगी कि SIP करे और पैसा कमाए , म्यूच्यूअल फण्ड सही है क्या आदि तो आज हम आपको बतायेगे की म्यूच्यूअल फंड्स क्या होते है (What is Mutual Fund in Hindi )?
जैसा की मैंने आपको बताया अगर आपको निवेश करने का ज्ञान नहीं है फिर भी आप अच्छा returns पा सकते है क्योंकि म्यूच्यूअल फंड्स में सारा काम फण्ड mangers करते है बस आपको एक अच्छा म्यूच्यूअल फण्ड ढूंढ़ने की जरुरत पड़ती है आइये विस्तार में जानते है म्यूच्यूअल फंड्स क्या होते है (What is Mutual Fund in Hindi )? –
Contents
म्यूच्यूअल फण्ड क्या है ( What is Mutual Fund in Hindi )
म्यूच्यूअल फण्ड एक ऐसी योजना होती है जिसके तहत बहुत से निवेशको का पैसा इकट्ठा करके उसे स्टॉक मार्किट में लगाया जाता है |
स्टॉक मार्किट में उन पैसो को शेयर्स,बांड्स, ट्रेझरी बिल्स और सरकारी प्रतिभूतियाँ खरीदने पर निवेश किया जाता है |
इसमें केवल एक कंपनी पर नहीं अपितु बहुत सी कम्पनियों पर निवेशकों के पैसो को निवेश किया जाता है और म्यूच्यूअल फण्ड की कीमत उसको चलाने वाली Asset Management Company कंपनी decide करती है जिसे NAV (Net asset value) भी कहा जाता है |
म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा लगाने की जिम्मेदारी Professional Manager की होती है जो निवेशको से इक्क्ठे किये हुए पैसो को अपने ज्ञान और Research Team की मदद से ऐसे शेयर्स में लगाता है जिसमें निवेशकों को फायदा हो सके और म्यूच्यूअल फण्ड चलाने का खर्च भी निकल सके |
एक Asset Management कंपनी के पास कई म्यूच्यूअल फण्ड Managers होते है और बहुत से लोग Research में होते है जिनका काम ही अच्छी कम्पनियो को निवेश के लिए तलाशना होता है |
भारत में म्यूच्यूअल फण्ड SEBI (Securities and Exchange Board of India) द्वारा पंजीकृत है जो की AMC पर अपनी पूरी निगरानी रखता है और सुनिचित करता है की निवेशको का पैसा सुरक्षित रहे और कोई भी कंपनी Fraud न निकले |
कैसे आप Mutual funds में निवेश कर सकते है ?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको mutual fund house के किसी भी पंजीकृत कार्यालय जैसे ICICI Mutual Fund,HDFC Mutual Fund,SBI mutual Fund, Franklin Templeton Mutual Fund आदि या उनकी संबंधित वेबसाइटों जैसे की paisabazaar.com ,kuvera.in आदि पर जाना होगा और सदस्यता का फॉर्म जमा करना होगा। वहां आपको दो विकल्प दिए जाएंगे जैसे कि Direct Plan और Regular Plan । इन्ही दो तरीको Direct Plan और Regular Plan के माध्यम से आप म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर सकते है | आइये विस्तार में जानते है –
Direct plan क्या होता है
Direct plan एक ऐसा तरीका है जिससे आप खुद अपने पैसे को सीधे किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यदि आप डायरेक्ट प्लान चुनते हैं तो आपका पैसा सीधे संबंधित फंड में निवेश किया जाता है | Direct Plan में आपको धन पर व्यय अनुपात के रूप में 1% का शुल्क देना होता है इसके अलावा आपसे कोई चार्ज नहीं वसूला जाता |
Regular plan क्या होता है
Regular plan में आप किसी भी एजेंट, डिस्ट्रीब्यूटर या ब्रोकर के माध्यम से ही म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। अब आपके और म्यूचुअल फंड कंपनी के बीच में एजेंट या वितरक मध्यस्थ होगा तो जाहिर है उसकी सेवा का इस्तेमाल करने के लिए आपको कुछ कमीशन भी देना होगा तो उस कमीशन का भुगतान आपके निवेश किए गए धन से किया जाता है |
Regular या Direct कौन-सा प्लान ले ?
Regular plan में आपको ब्रोकर या एजेंट के माध्यम से बताया जाता है कि Brokerage लंबे समय में आपके रिटर्न को प्रभावित नहीं करेगा । लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है आपको अपने निवेश पर इसका भुगतान करना पड़ता है आइये जानते है कैसे ?
Direct plan में आपका Mutual fund house आपके द्वारा बाजार से प्राप्त धन पर व्यय अनुपात और आसान भाषा में कहे तो म्यूच्यूअल फण्ड चलाने के खर्च के रूप में 1% का शुल्क लेता है वही दूसरी ओर, यह Regular plan के मामले में लगभग 2.5% है तो आपको कुल धन यानी की उसके निवेश और वापसी पर 1.5% (2.5-1 = 1.5%) का नुकसान होता है |
मान लीजिए आपने किसी म्यूच्यूअल फण्ड में 20 वर्ष की अवधि के लिए प्रति माह Rs 5000 का निवेश किया है तो अगर 15 % सालाना CAGR मानकर चले तो आपको Rs 66, 46,027 का return मिलना चाहिए |
लेकिन उस return पर म्यूच्यूअल फण्ड चलाने का 1% खरचा भी वसूला जायगा तो वह return आपको Rs 66, 46,027 में से 1% फण्ड का खरचा निकालकर जो की है Rs 66,460 पड़ेगा इस हिसाब से अगर आपके आपने Direct Plan लिया है तो आपको Rs 66, 46,027- Rs 66,460 = Rs 6579567 return मिलेगा |
वही अगर आपने रेगुलर प्लान लिया है तो आपको Rs 66, 46,027 का 2.5 % = Rs. 1,66,150 जिसमे आपको नुक्सान (Rs. 1, 66,150- Rs. 66,460) = Rs. 99,690 उठाना होगा |
जैसे की उदाहरण से स्पष्ट है की Regular Plan के माध्यम से म्यूचुअल फंड में आपको निवेश करना काफी महंगा पड़ सकता है | इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आपको Regular Plan के बजाय Direct Plan का ही चयन करना चाहिए क्योँकि सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है तो आप किसी को अतरिक्त fees क्योँ दे |
Types of Mutual Fund in Hindi ?
वैसे तो म्यूच्यूअल फंड्स कई प्रकार के होते है जिन्हे हम कई श्रेणियों में बांट सकते है पहला है सरचना और दूसरा है Asset के आधार पर –
1. म्यूच्यूअल फंड्स के प्रकार संरचना के आधार पर –
- Open End Mutual Fund
- Close End Mutual Fund
- Interval Funds
Open End Mutual Fund
ओपन एन्ड म्यूच्यूअल फण्ड ऐसे फण्ड होते है जो की निवेशकों को तरलता प्रदान करते है क्योंकि इन फंड्स को कभी भी खरीदा और बेचा जा सकता है | इसलिए यह फण्ड आपको कभी भी म्यूच्यूअल फण्ड खरीदने और बेचने की आजादी देता है |
Close End Mutual Fund
ये ऐसे fund होते है जिसमे एक निवेशक फण्ड की अवधी के दौरान ही उसमे निवेश कर सकता है जिसे NFO (New Fund Order) भी कहा जाता है NFO की अवधि समाप्त होने के बाद यह fund स्टॉक मार्केट में ट्रेड किये जाते है |
fund की maturity से पहले न तो निवेशक निवेश कर सकता है न ही अपने निवेश को वापिस ले सकता है |
Interval Funds
इंटरवल फण्ड ऐसे फण्ड होते है जो की Open End और Close End Mutual Fund दोनों से मिलकर बना हुआ होता है हालंकि यह मूल रूप से क्लोज एन्ड फंड ही है |
आप इसमें कुछ निधारित अवधि (Interval) तक फण्ड को खरीद और बेच सकते है लेकिन उस निधारित अवधि के बाद ये फण्ड स्टॉक मार्केट में ट्रेड होते है |
2. म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार Assets के आधार पर –
- Equity
- Debt
- Money Market
- Balanced or Hybrid Funds
Equity Funds:
इक्विटी म्यूचुअल फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड हैं जिसे स्टॉक फंड के रूप में भी जाना जाता है | इक्विटी म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से स्टॉक या इक्विटी में निवेश करता हैं जिसमे विभिन्न कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है और इक्विटी म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन शेयरों के उत्तार या चढ़ाव के आधार पर होता है |
Debt Funds:
डेट फण्ड एक ऐसा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट है हो उन लोगो द्वारा काफी पसन्द किया जाता है जो अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ स्थिर आय की तलाश में हैं |
डेट म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल, कॉर्पोरेट बॉन्ड आदि में निवेश करते हैं।
Balanced Mutual Fund:
बैलेंस म्यूच्यूअल फण्ड वह फण्ड होते है जिस में इक्विटी + डेब्ट दोनों फंड्स में निवेश किया जाता है जिससे आपको सुरक्षा के साथ साथ उच्च ब्याज भी प्राप्त होता है |
Money market fund
मनी मार्केट म्यूचुअल फंड एक कम जोखिम वाला म्यूचुअल फंड है। जिसमे निवेशक छोटी नकदी जरूरतों के लिए मुद्रा बाजार में निवेश कर सकते हैं। मनी मार्केट फंड केवल अत्यधिक तरल नकदी और नकद समकक्ष प्रतिभूतियों में निवेश करता है, जिनकी उच्च रेटिंग होती है।
तो ये थे म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार Assets के आधार पर |
म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे
म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करने के कई फ़ायदे है आज हम उनमें से कुछ जानेगे जिन्हें जानना आपके लिए जरुरी है –
1. Diversification ( विविधता )
मेरा एक मित्र है जिसका ऑटोमोबाइल क्षेत्र से बहुत लगाव था और वह इसका प्रशंसक भी था। जिस वजह से उसके सभी शेयर्स एऑटोमोबाइल सेक्टर के ही थे ।
लेकिन कुछ साल पहले,जब ऑटोमोबाइल सेक्टर अपने कठिन दौर से गुजर रहा था,तब उसने अपने निवेश का एक बहुत बड़ा हिस्सा खो दिया था। यही कारण है कि विविधीकरण इतना महत्वपूर्ण है।
क्योंकि एक समय पर सारे सेक्टर्स की कंपनी लोस्स में नहीं होती | इसी वजह से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना एक अच्छा विकल्प माना जाता है |
2. Better Returns
म्यूचुअल फंड में रिटर्न आपके द्वारा निवेश किए गए फण्ड पर निर्भर करता है की वो कैसा प्रदर्शन करता है | लेकिन आप प्रति वर्ष 8% से 20% के बीच में रिटर्न प्राप्त कर सकते है बस यह जरुरी है कि आपका निवेश लंबी अवधि के लिए होना चाहिए | यदि बाजार की स्थिति वास्तव में अच्छी है तो आप 20 % से अधिक रिटर्न भी प्राप्त कर सकते हैं |
3. Low Minimum Amount ( कम न्यूनतम राशि )
आपको लगता होगा की म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के लिए आपको बहुत सारे धन की आवश्यकता होगी लेकिन में बता दू ऐसा कुछ भी नहीं है आप केवल Rs 500 प्रति माह से भी शुरुवात कर सकते है |
4. Professional Management
अगर आपके पास समय नहीं है की आप खुद कम्पनियो के बारे में अध्ययन कर सके तो म्यूच्यूअल फंड्स आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है क्योकि इसमें पेशेवर फंड मैनेजर होते है जिनका काम ही बाजारों का अध्ययन करना होता है । उनके पास बड़ी बड़ी टीम होती है जो निवेश के हर पहलू को देखती है जिन्हें कोई अकेला व्यक्ति नहीं देख सकता ।
5. Transparency ( पारदर्शिता )
निवेशक किसी भी समय अपने म्युचुअल फंड के निवेश को ट्रैक कर सकते है , और दाम बढ़ने या घटने पर उस पर उचित कार्रवाई कर सकते हैं।
6. Lock-in period & liquidity (तरलता)
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना बहुत ही आसान है जहाँ आप ग्रोव एप्प और कई म्यूच्यूअल फण्ड वेब्सीटेस से आसानी से म्यूच्यूअल फंड्स खरीद सकते है आपके म्यूचुअल फंड आपके पास 3 से 4 दिनों के भीतर आ जाता हैं। उन्हें बेचना और अपने पैसे वापस लेना लगभग एक ही समय लगता है।
म्युचुअल फंड में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है (जब तक कि वे क्लोज-एंडेड फंड या ईएलएसएस फंड नहीं हैं) जिस वजह से इसमें तरलता बनी रहती है |
7. Tax Efficiency
म्यूच्यूअल फण्ड टैक्स सेविंग फण्ड भी होते है जैसे कि अगर आप इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश 1 साल से ज्यादा अवधी के लिए है तो आपको returns पर कोई कर अदा नहीं करना पड़ता |
वही डेट फंड्स में आपको कर तब देना पड़ता है जब आप उन्हें 3 साल तक होल्ड में रखते हैं |
इसके अलावा आप ELSS फंड में निवेश करके भी कर बचा सकते है, जिसमे की धारा 80 C के तहत 1.5 लाख रुपये की सीमा तक छूट दी गई है।
Conclusion
तो दोस्तों आज हमने सीखा म्यूच्यूअल फंड्स क्या है ? (What is Mutual Fund in Hindi)और ये कितने प्रकार के होते है? आप कैसे म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर सकते है |
दोस्तों स्टॉक मार्किट में निवेश हो या म्यूच्यूअल फण्ड दोनों बिना अध्ययन के जोखिम भरा काम है लेकिन अगर आप इसे सोच समझकर करे तो आपको बेहतर परिणाम ही प्राप्त होंगे ऐसे बहुत से निवेशक है जिन्होंने शुरू में काफी गलितयाँ की है लेंकिन वह उन गलितयों से सीखकर आज एक सफल निवेशक की सूची में है |
आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमे कमेंट कर सकते है |
आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है, बहुत अच्छे तरीके से हर बात को समझाया है।
आपकी हरेक बात आसानी से समझ में आ गई है।
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