दोस्तों आज हम जानेंगे की प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट आखिर क्या होता है ? (what is primary and secondary market) एक कंपनी कैसे स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती है Financial market क्या होता है ?आइये ये सब विस्तार मै जानते है की स्टॉक मार्किट कैसे काम करता है ?
Contents
Financial Market क्या है?
मार्किट एक ऐसे जगह होती है जहां Buyers और Sellers मिलते है और आपस में Products को buy और sell करते है जो की हमारे रोज मर्रा के Products होते है लेकिन शेयर्स,बांड्स,सिक्योरिटीज और डिबेंचर्स का लेन देन साधारण मार्किट में नहीं होता इनका लेन देन Financial मार्किट में किया जाता है | यह एक ऐसा बाजार है जहां buyers और sellers मिलते है और आपस में इक्विटी, बॉन्ड, मुद्राएं और डेरिवेटिव में व्यापार करते है |
Financial Market कितने प्रकार की होती है ?
जैसाहमने आपको बताया फाइनेंसियल मार्किट वह जगह है जहां इक्विटीज,बांड्स,सिक्योरिटीज आदि में लेन देन किया जाता है आइए विस्तार में जानते है यह कितने प्रकार के होते है | फाइनेंसियल मार्किट दो प्रकार के होते है |
- मनी मार्केट -Money Market
- कैपिटल मार्किट – Capital Market
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मनी मार्केट ( Money Market )
मनी मार्केट एक ऐसा बाजार है जहाँ short-term securities में लेनदेन किया जाता है। इसका अर्थ है उन securities से जहां भुगतान की अवधि मात्र एक वर्ष तक की होती है।
इन securities में मुख्य रूप से Call Money, Treasury Bills, Commercial Bills, Certificate of Deposits, Commercial Paper आदि शामिल हैं।
कैपिटल मार्किट ( Capital Market )
Capital market वह बाजार है जिसमे आम तौर पर एक वर्ष से अधिक समय तक की अवधि के लिए धन उपलब्ध कराया जाता है। इस बाजार में जहां buyersऔर sellers financial securities जैसे बांड, स्टॉक आदि में व्यापार करते हैं । आम तौर पर, यह बाजार ज्यादातर long-term securities में ट्रेड करता है।
- प्राथमिक बाजार (Primary Market) – जहां नए स्टॉक और बांड मुद्दे निवेशकों को बेचे जाते हैं
- द्वितीयक बाजार (Secondary Market) – जो मौजूदा प्रतिभूतियों का व्यापार करता है।
Primary Market क्या होता है?
प्राथमिक बाजार वह जगह है जहां पर पहली बार शेयर्स और बॉन्ड्स को बेचा जाता है | प्राथमिक बाजार में, कंपनियों, सरकारी संस्थाओं या सार्वजनिक संस्थानों द्वारा सीधे निवेशकों को Securities जारी की जाती हैं। प्राथमिक बाजार से एकत्र किए गए धन का उपयोग कंपनियों द्वारा ,नए व्यापार को स्थापित करने ,ऋण की अदायगी, व्यापार के विस्तार आदि के लिए किया जा सकता है। प्राथमिक बाजार में पूंजी जुटाने के कुछ सामान्य तरीके इस प्रकार हैं:
Public Issue: IPO & FPO
जब कोई कंपनी शेयर मार्किट में पहली बार आती है तो वह सबसे पहले अपना IPO ( Initial public Offering) लेकर आती है | आम लोगों के बीच पहली बार शेयर उतारने की प्रक्रिया को IPO कहा जाता है |
IPO से इक्ठा हुआ पैसा सीधे कंपनी के पास चला जाता है | यदि कंपनी पहले ही शेयर बाजार में शेयर जारी कर चुकी है और फिर से अपने शेयर जारी करना चाहती है, तो इस प्रक्रिया को FPO (Follow on Public Offer) के रूप में जाना जाता है |
Private Placement:
यहाँ पर Securities को IPO के माध्यम से निवेशकों की बजाये बड़े Investors ,Venture Capital, Banks और Mutual funds को बेचा जाता है | जहां यह आगे चलकर अपने clients को बढे दाम पर यह शेयर्स बेचते है |
जरूर देखिये IPO क्या होता है ?
कंपनी को इन्हे शेयर्स बेचने के लिए पूरा प्रॉस्पेक्टस लाना पड़ता है ताकि यह उन बड़े निवेशकों को कंपनी में पैसा लगाने के लिए Convince कर सके | IPO से पैसा जुटाना एक लंबी प्रक्रिया है, जबकि Private Placement पूंजी जुटाने के लिए एक तेज़ तरीका है।
Right Issue:
राइट इश्यू शेयर्स वह शेयर होते है जो कंपनी अपनी पूंजी बढ़ाने ले लिए बाजार में लाती है और मौजूदा शेयरधारकों को डिस्काउंट पर शेयर देती है |
Secondary Market क्या होता है?
जब कंपनी IPO लेकर Primary Market में आ जाती है फिर उस कंपनी को Secondary Market में ट्रेड करने के लिए उतारा जाता है | Secondary market वह जगह है जहां आप SEBI(Securities and Exchange Board of India) द्वारा मान्यता प्राप्त ब्रोकर के माध्यम से किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के शेयर को खरीद व बेच सकते हैं।
कंपनियों द्वारा IPO के माध्यम से जारी किए गए शेयरों को NSE और BSE स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से यहां खरीदा व बेचा जा सकता है। यहाँ पर शेयर्स के आलावा bonds ,options, futures और debentures आदि को भी खरीदा व बेचा जाता है |
शेयर के दाम उनकी demand और supply पर टिके होते है | जिसकी demand ज्यादा होती है और supply कम होती है वह शेयर उतना ही महंगा होता है | अगर आपने कोई शेयर Secondary market से खरीदा है तो उस शेयर के खरीदने के पैसे कंपनी के पास नहीं अपितु उसके पास उसके ट्रेडिंग अकाउंट में जायेंगे जिससे आपने वह शेयर्स खरीदे है |
Primary और Secondary Market में क्या अंतर है ?
जब कंपनी पहली बार स्टॉक मार्किट में आती है तो वह Primary market में IPO लेकर आती है जिसमे शेयर्स लॉट में होते है और एक लॉट में कई शेयर्स होते है इसलिए आपको IPO में निवेश करने के लिए लॉट ही खरीदना पड़ता है |
लेकिन शेयर्स को खरीदने व बेचने के लिए कंपनी Secondary Market में आती है जहां से आप शेयर्स को खरीद और बेच सकते है आप कम से कम एक शेयर को भी खरीद व बेच सकते है | आइये विस्तार में जानते है –
- Secondary market में Securities की कीमत उसकी demand और supply से निर्धारित होती है। यदि Securities की demand उसकी supply से अधिक है, तो Securities की कीमत उतनी ही ज्यादा होगी और अगर इसके विपरीत है तो उतनी ही कम होगी। दूसरी ओर Primary Market में Securities की कीमत demand और supply पर निर्भर नहीं होती है। Primary Market में वे एक निश्चित मूल्य पर कारोबार करती हैं।
- Primary Market में लेन-देन की प्रक्रिया में शामिल पार्टियां जारी करने वाली कंपनी, निवेशक और निवेश बैंकर होते हैं और Secondary Market में लेन-देन की प्रक्रिया में शामिल पक्ष केवल निवेशक ही होते है जो buyers और sellers होते हैं |
- Primary Market में Securities को सीधे कंपनी से ही खरीदा जाता है, जबकि Secondary Market में निवेशक securities को आपस में ही खरीदते और बेचते हैं ।
- Primary Market में Securities को केवल एक ही बार बेचा जाता है वही Secondary Market में इसे कई बार खरीदा और बेचा जाता है ।
- Primary Market में किसी सूची की कोई आवश्यकता नहीं होती है जबकि Secondary Market में केवल उन Securities पर कारोबार किया जाता है जो कि पहले से स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं ।
Conclusion
दोस्तों आज हमने सीखा कि कैसे Financial market क्या होता है ? कैसे एक कंपनी बाजार में आती है और प्राइमरी व सेकेंडरी मार्केट में क्या होता है (what is primary and secondary market) और उनमे क्या अंतर होता है |
Yes, Now I Understand The difference between primary and secondary market. I was little confused but now it’s clear thanks to you