अगर आप नौकरीपेशा है ,किसी कंपनी में काम करते है ,तो जरूर आपने TDS के बारे में सुना होगा और अगर आपकी महीने की सैलरी अच्छी है तो जरूर हर महीने आपकी सैलरी से टीडीएस भी कटता होगा ,कभी न कभी आपने जरूर सोचा होगा की टीडीएस क्या होता है ,क्यों हर महीने आपकी सैलरी से इसे काटा जाता है ,
इसलिए आज हमारी इस पोस्ट के माध्यम से आपको आपके सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे ,हम जानेंगे की टीडीएस क्या है What is TDS in Hindi ,क्यों हर महीने की आमदनी से आपका टीडीएस काटा जाता ,कितना टीडीएस आपको अपनी सैलरी से भरना पड़ता है ,आइये इन सभी विषयो के बारे में विस्तार से जानते है –
Contents
TDS क्या है – What is TDS in Hindi
दोस्तों सरकार हमसे देश चलाने के लिए दो प्रकार के Tax लेती है, Indirect Tax और Direct Tax, इसी प्रकार सरकार नौकरीपेशा लोगो से टीडीएस लेती है, जो की एक Indirect Tax है,दूसरे शब्दों में कहे तो टीडीएस एक टैक्स है,जिसका पैसा सरकार को जाता है,भारत सरकार के मौजूदा नियम के अनुसार अगर आपकी सालाना आय 2.5 लाख रूपए से ज्यादा है ,तो टीडीएस भरना आपके लिए अनिवार्य है ,
सालाना आय से हमारा तातपर्य वित्य वर्ष से जो की हमारे देश में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है, अगर आपकी आमदनी एक वित्य वर्ष में 2.5 लाख रूपए से अधिक है ,तो आपकी सैलरी से टीडीएस जरूर काटा जाएगा ,TDS का फुल फॉर्म है – Tax deducted at source,जिसका हिंदी में मतलब है स्रोत पर कर कटौती करना, इसलिए टीडीएस को Indirect Tax कहा जाता है ,क्योंकि कंपनी द्वारा ये आपकी हर महीने की सैलरी से काट लिया जाता है
टीडीएस क्यों काटा जाता है ?
दोस्तों इस देश में रहने वाला हर व्यक्ति सरकार को Direct या Indirect रूप में टैक्स देता है ,इसलिए टीडीएस भी उन्ही टैक्स में से एक टैक्स है जो सरकार हमसे लेती है ,अब टीडीएस क्यों काटा जाता है,इसको हम ऐसे समझ सकते है ,
हमारे देश को चलाने के लिए ,लोगो को बुनियादी सुविधा प्रदान करने के लिए ,नई सड़के और जन कल्याण की योजना लागू करने के लिए सरकार को पैसो की आवश्यकता होती है ,इसलिए वह पैसा सरकार हम नागरिको से ही टैक्स के रूप में लेती है ,टीडीएस में टैक्स चोरी की संभावनाबेहद कम रहती है क्योँकि यह टैक्स सीधा आपकी हर महीने की सैलरी से ही काट लिया जाता है
किन किन चीज़ो में टीडीएस काटा जाता है ?
टीडीएस कई तरह के पेमेंट्स पर कटा जाता है,जैसे की आपको हर महीने मिलने वाली सैलरी (Salary) ,स्टॉक मार्किट में लिस्टेड कंपनी द्वारा मिलने वाला लाभांश (Dividend),किसी भी तरह का कमीशन (Commission),रेन्ट (Rent), ब्रोकरेज (Brokerage), काट्रेक्ट पेमेंट (Contract Payments),लॉटरी (Lottery ) आदि पर टीडीएस काटा जाता है।
टीडीएस किसके द्वारा काटा जाता है ?
जो भी संस्थान टीडीएस के दायरे में आता है ,उसे टीडीएस का भुक्तान करना होता है ,जिसके द्वारा टीडीएस का भुक्तान किया जाता है उसे Payer और deductor कहा जाता है,और जिसको टीडीएस काट कर पेमेंट मिलता है उसे Deductee कहा जाता है,
उदहारण के लिए अगर आप किसी कंपनी में काम कर रहे और आपकी सैलरी से आपकी कंपनी द्वारा टीडीएस काटा जाता है तो आप Deductee हुए और आपकी कंपनी Deductor हुई,
अब आपकी कंपनी की जिम्मेदारी है की वह आपका टीडीएस काटकर सरकार के खाते में जमा करे ,Deductor को काटे गए टीडीएस पर Deductee को टीडीएस सर्टिफिकेट भी देना पड़ता है, जिससे हम फॉर्म 16 /16 A के नाम से जानते है ,जिसमे बताया जाता है की आपका टीडीएस काटकर Deductor द्वारा सरकारी खाते में डाल दिया गया है
आपको सैलरी पर कितना टीडीएस देना पड़ता है ?
आपको कितना टीडीएस देना होगा ,इस सवाल का उत्तर इनकम स्लैब में छुपा ,आइये हम आपको इनकम स्लैब से समझाते है ,2020 के बजट में हमारी सरकार ने यह प्रावधान दिया था कि taxpayer अगर चाहे तो वह 2019 के इनकम टैक्स स्लैब रेट के अनुसार अपना टैक्स भर सकता है या फिर वह चाहे तो 2020 के बदले हुए इनकम टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से अपना टैक्स pay कर सकता है ,हमने यहाँ पर 2020-21 केअनुसार इनकम टैक्स स्लैब के बारे में बताया है
Income Tax Slab Rate financial year 2020-21
Tax Slab rates of Men & Women ( जो कि 60 वर्ष से कम हो )
Income tax slab | Income slab rate |
Rs.2,50,000 की Income तक | Nil |
Rs.2,50,001 से Rs.5,00,000 तक | 5 % |
Rs.5,00,001 से Rs. 7,50,000 तक | 10 % |
Rs. 7,50,001 से Rs.10,00.000 तक | 15 % |
Rs. 10,00,001 से Rs. 12,50,000 तक | 20 % |
Rs. 12,50,001 से Rs. 15,00,000 तक | 25 % |
Rs. 15,00,000 अधिक | 30 % |
Tax Slab rates of Senior Citizens ( (60 से 80 वर्ष के बीच की आयु))
Income tax slab | Income slab rate |
Rs.2,50,000 की Income तक | Nil |
Rs.2,50,001 से Rs.5,00,000 तक | 5 % |
Rs.5,00,001 से Rs. 7,50,000 तक | 10 % |
Rs. 7,50,001 से Rs.10,00.000 तक | 15 % |
Rs. 10,00,001 से Rs. 12,50,000 तक | 20 % |
Rs. 12,50,001 से Rs. 15,00,000 तक | 25 % |
Rs. 15,00,000 अधिक | 30 % |
Tax Slab rates of Senior Citizens ( 80 वर्ष से अधिक )
Income tax slab | Income slab rate |
Rs.2,50,000 की Income तक | Nil |
Rs.2,50,001 से Rs.5,00,000 तक | 5 % |
Rs.5,00,001 से Rs. 7,50,000 तक | 10 % |
Rs. 7,50,001 से Rs.10,00.000 तक | 15 % |
Rs. 10,00,001 से Rs. 12,50,000 तक | 20 % |
Rs. 12,50,001 से Rs. 15,00,000 तक | 20 % |
Rs. 15,00,000 अधिक | 30 % |
इसके अलावा अगर आपकी सालाना इनकम 50 लाख से अधिक है तो आपको सरचार्ज भी देना होगा ,जो की इस प्रकार है ,
- 10% of Income Tax – अगर आपकी इनकम 50 लाख से अधिक और 1 करोड से कम है।
- 15 % of Income Tax – अगर इनकम 1 करोड से अधिक है।
- 25 % of income tax – अगर कुल इनकम 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच में है
- 37 % of income tax – अगर कुल इनकम 5 करोड़ से अधिक है
Health and Education Cess:- 4 % on Income Tax + Surcharge (यदि कोई है )
Note :ऊपर दिए गए स्लैब के अनुसार आपका टीडीएस कटेगा और टीडीएस में आपका एजुकेशन और एजुकेशन सेस भी आपको देना होगा ,और अगर आपकी सालाना आय 50 लाख से अधिक है तो आपको सरचार्ज भी देना होगा |
टीडीएस कैसे calculate किया जाता है?
ऊपर दिए गए स्लैब रेट से आप समज गए होंगे की आपको कितना टीडीएस भरना होगा ,आइए इसे 2020-21 के इनकम स्लैब रेट के अनुसार एक उदहारण से समझते है –
मान लीजिये आपकी सालाना आया Rs 10,00,000 है और आप पर किसी भी प्रकार का लोन नहीं है और न ही आपकी कोई दूसरी इनकम है ,तो इनकम स्लैब रेट 2020-21 के अनुसार Rs 2,50,000 तक आपको टैक्स माफ़ है ,तो आपकी taxable इनकम हुई Rs.10,00,000-Rs 2,50,000=Rs. 7,50,000, अब आपको केवल Rs 7,50,000 पर ही अपना टैक्स चुकाना है
Tax on Total Income | Rs |
Up to Rs 2,50,000 | Nil |
Rs 2,50,000 to Rs 5,00,000 @ 5% | Rs. 12500 |
Rs.5,00,00 से Rs. 7,50,000 तक @ 10% | Rs. 25000 |
Total | Rs. 37500 |
Add : EC & HE CESS @ 4 % | Rs. 1500 |
Total Tax Payable | Rs. 39000 |
Per Month Tds Deduction | 39000/12 |
= Rs. 3250 |
ऊपर दिए गए उदहारण से आप समझ गए होंगे की आपको अपने Rs 7,50,000 taxable इनकम में से पहले Rs 5,00,000 पर 5% टैक्स चुकाना होगा और बचे 2,50,000 पर 10% टैक्स चुकाना होगा और जो दोनों मिलाकर आपका टैक्स आएगा उसका 4% आपको एजुकेशन और हेल्थ सेस भी देना होगा ,तो इस प्रकार आपको Rs.10,00,000 सालाना आया पर हर महीने Rs 3 ,250 टैक्स चुकाना या कहे आपका टीडीएस कटेगा
टीडीएस रिफंड पालिसी क्या है ?
अगर आपकी सालाना वेतन आयकर के दायरे में नहीं आती है या फिर आपका आयकर से ज्यादा TDS काट लिया जाता है ,
तो आप ITR फाइल करके इनकम टैक्स विभाग को इस बारे में सुचना दे सकते है ,ITR फाइल करते वक़्त उसमे एक टीडीएस का कॉलम मौजूद होता ,जहां पर आप अपने टीडीएस के बारे में सभी जानकारी दे सकते है ,और आप अतिरिक्त काटे गए टीडीएस पर अपना रिफंड प्राप्त कर सकते है ,
अगर आपका इनकम टैक्स रिफंड देरी से आता और आपका रिफंड आपके टैक्स से 10% अधिक है तो इनकम टैक्स विभाग द्वारा आपको 6% प्रति वर्ष ब्याज दिया जायगा ,उदहारण के लिए अगर आपने 2019 -20 में रिफंड के लिए याचिका दी है और आपको 2020 -21 में मार्च में रिफंड प्राप्त होता है तो आपको आपके रिफंड पर अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2020 तक ब्याज प्राप्त होगा |
Note : इनकम टैक्स रिफंड पर आपको 6% प्रति वर्ष ब्याज तभी प्राप्त होगा जब आपका रिफंड आपके भरे हुए टैक्स का 10% से अधिक हो
अगर आपका सालाना वेतन आयकर के दायरे में नहीं आता है तो आप 15G /15 H फॉर्म भरके भी कंपनी को इस बारे में सूचना दे सकते है ,तब कंपनी आपका टीडीएस नहीं काटेंगे और अगर कंपनी द्वारा आपका टीडीएस काट लिया जाता है तो आप ITR फाइल करके रिफंड प्राप्त कर सकते है
Conclusion
आशा है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी होगी ,आज हमने सीखा की टीडीएस क्या होता है- What is TDS in Hindi,सरकार द्वारा टीडीएस क्यों लिया जाता है,आपका टीडीएस कितना कटेगा ,टीडीएस रिफंड क्या होता है ,
यह पोस्ट पढ़ने के बाद अगर आपका इस पोस्ट से संभदित कोई सवाल या सुझाव है तो जरूर हमको कमेंट करके बताये ,हम जल्द आपको उसका उत्त्तर देंगे ,पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद |